मान मान मान कहा मान ले मेरा जान जान जान रूप जान ले मेरा टेक जाने...

अये दीन बंधु आज मेरी अरज सुन जरी दयानिधान जान आन शरण में पड़ी टेक काम...

बिना हरि के भजन मुफत जन्म गवाया दुनिया की मौज में फिरे सदा ही भुलाया टेक...

दो दिन का जग में मेला सब चलाचली का खेला टेक कोई चला गया कोई जावे...

चलो चलो सखी अब जाना पिया भेज दिया परवाना टेक इक दूत जबर चल आया सब...

सुनो सुनो सखी मुझ प्यारी कर पिया के मिलन की त्यारी टेक दो दिन का पियर...

सुनो सुनो ध्यान से प्यारा वो बाजत कूच नगारा टेक केई राजा सुंदर रानी केई योगी...

सुनो सुनो बचन नरनारी हरि भजन करो सुखकारी टेक जिन रचा शरीर तुमारा उसका क्यों नाम...

कहे लछमन कोमल बानी सुन परशुराम अभिमानी टेक हम बालकपन में भारे कई धनुष तोड़कर डारे...

कहे मारकॅंड मुनिराया हरि धन्य तुमारी माया टेक मैं मन में सुमरण कीना सब जलधारा जाग...

सुन नाथ अरज अब मेरी मैं शरण पड़ा प्रभु तेरी टेक तुम मानुष तन मोहे दीना...

जगदीश मैं शरण तुमारी प्रभु सुनिये विनती हमारी टेक यह पांच विषय की धारा सब ब्रम्‍हा...