नज़र भर देखले मुझको शरण तेरी मैं आया हुं एक कोई माता पिता बंधु सहायक है...

शरण में आ पड़ा तेरी प्रभु मुझको भुलाना ना टेक तेरा है नाम दुनिया में पतित...

अगर है ज्ञान को पाना तो गुरु की जा शरण भाई टेक जटा सिरपे रखाने से...

सुनो जगदीश दिल देके अरज अब तो हमारी है टेक जुड़ा जब से हुआ तुमसे फसा...

प्रभु सब में समाया है समाना हो तो ऐसा हो करी सब विश्व की रचना रचाना...

सदा शिव सर्व वारदाता दिगंबर हो तो ऐसा हो हरे सब दुख भक्तन के दयाकर हो...

राम दशरथ के घर जन्मे घराना हो तो ऐसा हो लोक दर्शन को चल आये सुहाना...

कृष्ण घर नंद के आये सितारा हो तो ऐसा हो करें सब प्रेम से दर्शन दुलारा...

अगर है प्रेम मिलने का तो दुनिया से क्यूं शरमावे पिता प्रहलाद को मारा नाम हरिका...

अगर है प्रेम दर्शन का भजन से प्रीत कर प्यारे छोड़कर काम दुनिया के रोक विषयों...

जाग जाग जाग मोह नींद से जरा भाग भाग भाग भोग जाल से परा टेक विषयों...

नाम नाम नाम जपो नाम राम का काम काम काम तजो काम धाम का टेक बिना...