हरि बिनु तेरो को न सहाई।। कां की मात पिता सुत बनिता को काहू को भाई।।...

मै बनजारनि राम की।। तेरा नामु वखरु वापारु जी।। हरणी होवा बनि बसा कंद मूल चुणि...

हरि जी माता हरि जी पिता हरि जीउ प्रतिपालक।। हरि जी मेरी सार करे हम हरि...

हरि के नाम के बिआपारी।। हीरा हाथि चड़िआ निरमोलकु छुटि गई संसारी।। किन ही बनजिआ कांसी...

एवी तुं शक्ति मने देजे ओ दाता चालती रहुं तारी राह पर दाता जीवनधारा तुं छे...

आतम अनुभव सुख की का कोई बूझै बात। कै जो कोई जानई कै अपनो ही गात।।...

हमन है इश्क मस्ताना हमन को होशियारी क्या। रहे आज़ाद या जग में हमन दुनिया से...

सांवल सुन्दर रामइया मेरा मन लागा तोहि। बड़े भाग मैं सतगुरु पाया जन्मों का फल होय।...

साडे वल मुखड़ा मोड़ वे प्यारिया साडे वल मुखड़ा मोड़। आपे लाईयाँ कुंडियाँ तैं ते आपे...

रूखड़ी न खायौ राम रूखड़ी न खायौ। हाथ हमारे घिरत कटोरी अपना बांटा ले जायौ। दौड़ेदौड़े...

मैं गिरधर के घर जाऊं। गिरधर म्हारो साचो प्रीतम देखत रूप लुभाऊं। रैन पड़े तब ही...

मेरी बुक्कल दे विच चोरचोर मैं समझया सी किते होर। कीहनूं कूक सुणावां नी मेरी बुक्कल...