गुरु गुरु गुरु कर मन मोर। गुरु बिना मैं नाहीं होर।। गुरु की टेक रहो दिन...

कित्थों ने रंगाईयां अखां पुछ दीयां सारीयां प्रेम वाले रंग दीयां चढ़ीयां खुमारीयां।। सतगुरु ललारी मेरा...

गुरु पास रहें या दूर रहें नजरों में समाए रहते हैं। उनकी वाणी रसपान करो बस...

मेरे सत् गुरु दीन दयाल काग से हंस बनाते हैं। मेरे सत् गुरु दीन दयाल कि...

प्रेम से भर के दिल की झोली सत् गुरु चरणों में आ खोली। भाव भी हैं...

गुरु वंदना कैसे करूँ गुणगान हे सदगुरु भगवान। पाप ताप से हमें बचाया अंतर पावन रूप...

जो सतगुरु सों चित जोड़ लिया। अब और से चित को लगावें क्या।। जिन हरि चरणों...

कबीर करत है बीनती सुनो संत चित लाय। मारग सिरजनहार का दीजै मोहिं बताय।। सतगुरु बड़े...

ऐसा कोई ना मिला समुझै सैन सुजान। ढोल बाजता ना सुनै सुरतिबिहूना कान।। ऐसा कोई ना...

हिरदै नामु वसाइहु।। घरि बैठे गुरु धिआइहु।। गुिर पूरै सचु कहिआ।। सो सुखु साचा लहिआ।। अपुना...

हरि बिन क्यूँ जीऊँ री माय। हरि कारण बौरी भई जस काठहि घुन खाय। औषध मूल...

हरि तुम हरो जन की पीर द्रोपदी की लाज राखी तुरत बढ़ायो चीर। भगत कारण रूप...