काहे रे बन खोजन जाई।। सरब निवासी सदा अलेपा तोही संगि समाई।। पुहप मधि जिउ बासु...

अंधियारे दीपकु चहीऐ।। इक बसतु अगोचर लहीऐ।। बसतु अगोचर पाई।। घटि दीपकु रहिआ समाई। किआ पढ़ीऐ...

हरि बिनु रहि न सकै मनु मेरा।। मेरे प्रीतम प्रान हरि प्रभु गुरु मेले बहुरि न...

हरि बिनु तेरो को न सहाई।। कां की मात पिता सुत बनिता को काहू को भाई।।...

हिरदै नामु वसाइहु।। घरि बैठे गुरु धिआइहु।। गुरि पूरै सचु कहिआ।। सो सुखु साचा लहिआ।। अपुना...

मै बनजारनि राम की।। तेरा नामु वखरु वापारु जी।। हरणी होवा बनि बसा कंद मूल चुणि...

हरि जी माता हरि जी पिता हरि जीउ प्रतिपालक।। हरि जी मेरी सार करे हम हरि...

हरि के नाम के बिआपारी।। हीरा हाथि चड़िआ निरमोलकु छुटि गई संसारी।। किन ही बनजिआ कांसी...

सावल सुंदर रामईआ।। मेरा मनु लागा तोहि।। एक जोति एका मिली किंबा होइ महोइ।। जितु घटि...

देही माटी बोलै पउणु।। बुझु रे गिआनी मूआ है कउणु।। पउणै पाणी अगनी का मेलु।। चंचल...

कउनु मूआ रे कउनु मूआ।। ब्रहम गिआनी मिलि करहु बीचारा इहु तउ चलतु भइआ।। पवनै महि...

सूरज किरणि मिले जल का जलु हूआ राम।। जोती जोति रली संपूरनु थीआ राम।। ब्रहमु दीसै...