काया नहीं तेरी नहीं तेरी। ये तो दो दिन की जिन्दगानी जैसा पत्थर ऊपर पानी। ये...

खसम बिन तेली को बैल भयो। बैठत नाहिं साधु की संगति नाधे जनम गयो।। बहि बहि...

नयना नारायण को देख एक बंगला बना दरवेश। इस बंगला में दस दरवाज़े बीच पवन का...

नैहरवा हमका नहिं भावे हमका नहि भावै। साई की नगरी परम अति सुंदर जहँ कोई जावे...

जनम तेरा बातों ही बीत गयो तूने कबहुँ न कृष्ण कहयो। पाचँ बरस का भोलाभाला अब...

सईयाँ निकर गये मैं ना लरी। ना मैं बोली ना मैं चाली ओढ़ी चुनरिया परी रही।...

जोगी जन जागत रहु हो भाई। जागत रहियो सोय न जइहो चोर मूसि ले जाई।। बिरह...

ग्यान का धनुष ले मुक्ति मैदान में सील का बान ले मतंग मारा। सबद का घाव...

जा दिन मन पंछी उड़ जैहैं।। ता दिन तेरे तन तरुवर के सबै पात झरि जैहैं।...

राम सिमर पछतायेगा मन राम सिमर।। पापी ज्योड़ा लोभ करत है आज कल उठ जायेगा। लालच...

उड़ जाएगा हंस अकेला जग दर्शन का मेला। जैसे पात गिरे तरुवर के मिलना बहुत दुहेला...

सतगुरु है रंगरेज चुनरि मोरि रंग डारी।। स्याही रंग छुडाय के रे दिया मजीठा रंग। धोये...