Gyaan
अर्जुन को रणभूमि विशे हरि ब्रम्हज्ञान निर्मल समझावे टेक तूँ किसका है कौन तुम्हारा एकहि आवत...
नाथ दियो अब दरस तुमारे सफल करो प्रभु नैन ह्मारे टेक तेजपुंज मय अंग मनोहर रवि...
जन्म जन्म को मैं दास तुमारो करुणाकर अब तार मुरारे टेक भवसागर जल तरण कठिन है...
नारायण को भजन करो नर मन की छोर भटकना सारी टेक क्या मथुरा क्या काशी जावे...
नारायण जिनके हिरदे में सो कछु कर्म करे न करे रे टेक नाव मिली जिसको जल...
नारायण को नाम सुमर नर जन्ममरणदुख जाय तुमारो टेक मानुषजनम मिला जगमाही दाँवजीत कर फिर किम...
नारायण जिनके परिपालक तिनको कौन दुखाय सकेरे टेक प्रहलाद भक्त को ड़ारा अगन में रोम न...
नारायण मैं शरण तुमारी दया करोमहाराज ह्मारे टेक मात तात सुत दार सहोदर कोई न आवत...
भज गोविन्दं भजगोविन्दं भजगोविन्दं गोविन्दं भज मूढमते। संप्राप्ते सन्निहिते काले नहि नहि रक्षति डुकृंकरणे ।। मूढ...
बड़ा सुख देती है मेरे सतगुरु की वाणी। मन हर लेती है मेरे सतगुरु की वाणी।...
सुख आवे छे दुख आवे छे आ आवता जता सुख दुखमां अमे मस्त रहीये छीए। गातांगातां...
राग वाणी रे वाणी भ्रमर गुफामां निरंजन ज्योति झगमग झगमग करे दिनराती घट रे भीतर अलखनी...