बिना रे खेवैया नैया कैसे लागे पार हो।। केते निगुरा खड़े किनारे केते खड़े मँझधार हो।...

मुखड़ा क्या देखै दरपन में दया धरम नहीं मन में।। गहिरी नदिया नाव पुरानी उतरन चाहै...

झीनी झीनी बीनी चदरिया।। काहे के ताना काहे के भरनी कौन तार से बीनी चदरिया।। इँगला...

का सोवो सुमिरन की बेरिया।। गुरु उपदेशन की सुधि नाहीं झकत फिरो झक झलनि झलरिया।। गुरु...

मुनिया पिंजड़े वाली ना तेरा सदगुरु है व्यापारी।। अलख डार पर मुनिया बैठी खाये ज्ञान की...

रे मन राम सिउ करि प्रीति।। स्रवन गोबिंद गुनु सुनहु अरु गाउ रसना गीति।। करि साधसंगति...

रे मन ऐसो कर संनिआसा।। बन से सदन सबै कर समझहु मन ही माहि उदासा।। जत...

मन मेरिआ अंतरि तेरै निधानु है बाहरि वसतु न भालि।। जो भावै सो भुंचि तू गुरमुखि...

जाग लेहु रे मना जाग लेहु कहा गाफल सोइआ।। जो तनु उपजिआ संग ही सो भी...

मन की मन ही माहि रही।। ना हरि भजे न तीरथ सेवे चोटी कालि गही।। दारा...

पाती तोरै मालिनी पाती पाती जीउ।। जिसु पाहन कउ पाती तोरै सो पाहन निरजीउ।। भूली मालनी...

जबै बाण लागियो।। तबै रोस जागियो।। करं लै कमाणं।। हनं बाण ताणं।। सबै बीर धाए।। सरोघं...