Gyaan
तूं ब्रह्म चीनो रे ब्रह्मज्ञानी ।।।। समुझि बिचारि देखु नीके करि ज्यों दर्पन मधि अलख निसानी...
मिथ्या जीवन मिथ्या है तन या धन जो नहिं परसन ।।टेक।। हम रे जाइब चलि कर...
चन्द तिलक दिये सुन्दरि नारी। सोइ पतिबरता पियहिं पियारी ।।।। कंचन कलस धरे पनिहारी। सीस सुहाग...
मन ग्वालिया सत सुकृत तत दुहि लेह ।।टेक।। नैन दोहनि रूप भरि भरि सुरति सब्द सनेह...
मन मेरा सदा खेले नट बाजी चरन कमल चित राजी।। टेक।। बिनु करताल पखावज बाजै अगम...
जोगी जुगति जोग कमाव ।।टेक।। सुखमना पर बैठि आसन सहज ध्यान लगाव ।। ।। दृष्टि सम...
या बिधि भजन करो मन लाई। निर्मल नाम लखो बिनु लोचन सेत फटिक रोसनाई ।।।। सीप...
देह देवाचे मंदिर देह देवाचे मंदिर। आत आत्मा परमेश्वर आत आत्मा परमेश्वर ॥ जशी उसात हो...
संतांचिये गावी प्रेमाचा सुकाळ। नाही तळमळ दुख लेश।। धृ ।। तेथे मी राहीन होऊनी याचक। धालितील...
अधिक देखणे तरी निरंजन पाहणे। योगिराज विनवणे मना आले वो माये।। धृ ।। देहबळी देऊनी साधिले...
माझे मनोरथ पूर्ण करि देवा। केशवा न माधवा नारायणा।। धृ ।। नाही नाही मज आणिक सोयरा।...
याजसाठी केला होता अट्टाहास। शेवटचा दिस गोड व्हावा।। धृ ।। आता निश्चींतीने पावलो विसावा। खुंटलिया धावा...