रामु सिमरि रामु सिमरि इहै तेरै काजि है।। माइआ को संगु तिआगु प्रभ जू की सरनि...

काहे रे बन खोजन जाई।। सरब निवासी सदा अलेपा तोही संगि समाई।। पुहप मधि जिउ बासु...

देही माटी बोलै पउणु।। बुझु रे गिआनी मूआ है कउणु।। पउणै पाणी अगनी का मेलु।। चंचल...

जोगी जन जागत रहियो भाई। जागत रहियो सोया न जइहो चोर मूसि ले जाई। । बिरह...

हमका ओढ़ावे चादरिया चलती बिरिया। प्राण राम जब निकसन लागे उलट गई दोउ नैन पुतरिया। भीतर...

साधो यह मुरदों का गाँव साधो पीर मरै पैगम्बर मरिहै मरिहै जिंदा जोगी। चंदा मरिहै सूरज...

शिवोहम् का डंका बजाना पड़ेगा मिथ्या द्वैत भरम को भगाना पड़ेगा। जिसे देख भूले हो असली...

मेरी बुक्कल दे विच चोरचोर मैं समझया सी किते होर। कीहनूं कूक सुणावां नी मेरी बुक्कल...

मत कर मोह तू हरि भजन को मान रे। नयन दिये दर्शन करने को स्रवण दिए...

बिरहनी मंदिर दियरा बारि। बिन बाती बिन तेल जुगत स्यों बिन दीपक उजियार। प्राण पिया मेरे...

पंडित वाद कहन ते झूठा राम कहा जगत गति पावै खांड कहा मुख मीठा। पावक कहा...

जीवन बहंदा पानी ए जो वापस नहीं आयेगा। जप ले नाम गुरां दा तू ऐहो पार...