एक  समसेर  इकसार  बजती  रहे खेल  कोई  सूरमा  संत  झेले काम दल जीत करि क्रोध पैमाल...

आपन काहे न सँवारे काजा । टेक  ना गुरु भगति साध की संगत करत अधम निर्लाजा...

अवसर बहुत भलो रे भाई ।  मानुष तन  देवन को दुर्लभ सोई देह तैं  पाई ।...

अवधू भजन भेद है न्यारा । टेक क्या गाये क्या लिखि बताये क्या भरमे संसारा । ...

अवधू ऐसा ज्ञान विचार । भेरें चढ़े सो अद्धर डूबे निराधार भये पार । टेक  औघट...

अवधू अमल करै सो पावै । जौ लग अमल असर न होवै तौ लग प्रेम न...

अमरपुर ले चलु  हो सजना ॥ टेक  अमरपुरी की साँकर गलियां गड़बड़ है चलना ।  ठोकर...

चरखा कात सुधार री सुन चतुर सियानी ॥ टेक ॥ यह चरखा लकडी का तेरा किसके...

जोगी जन जागत रहु हो भाई। जागत रहियो सोय न जइहो चोर मूसि ले जाई।। बिरह...

ग्यान का धनुष ले मुक्ति मैदान में सील का बान ले मतंग मारा। सबद का घाव...

संतो सदगुरु अलख लखाया। परम प्रकाशक ज्ञान पुंज घट भीतर में दरशाया।। मन बुद्धि बानी जाहि...

संतो सो सदगुरु मोहि भावै जो आवागमन मिटावै। डोलत डिगै ना बोलत बिसरे अस उपदेश सुनावै।।...