हरि का भजन करले मेरी मतिया भजन बिना मिले री शुभ गतिया ॥ टेक ॥ क्या...

दे दर्शन मोहे आज संवरिया बिन दर्शन मन धीर न धरिया ॥ टेक ॥ सांवरी सुरत...

सुनो सुनो सखी ज्ञान बिचारना रे भवसागर से पार उतारणा रे ॥ टेक ॥ पांच तत्व...

आवो आवो सखि बात बिचारिये रे इस मनुषजनम को सुधारिये रे ॥ टेक ॥ जिम अंजलि...

चलो चलो सखियाँ मिल जाइये रे सत संगत में हरिगुण गाइये रे ॥ टेक ॥ सतसंगत...

हरिचरणकमल चित लावना रे फिर मानुष जनम नहि आवना रे ॥ टेक ॥ मैथुन नींद खान...

हरि भजन करे तो सुख पायगा रे नहि तो जनम जनम भटकायगा रे ॥ टेक ॥...

हरि भजन करोरे नर नारियां रे मिटे जनम मरण की खुवारियां रे ॥ टेक ॥ मानुष...

तुम जाय बसे मोहन मथुरा गोकुल कब आवोगे ॥ टेक ॥ मोरमुकुट पीताम्बर माला गाल पहरावोगे...

शरण पडे कि लाज तुम राखो भगवाना ॥ टेक ॥ जप तप योग यज्ञ नहि कीने...

तेरो जनम मरण मिट जाय हरि का नाम सुमऱ प्यारे ॥ टेक ॥ जग में आया...

तेरी शरण पडा मैं आय़ नाथ मोहे दे दर्शन प्यारा ॥ टेक ॥ गोकुल ढूंडी मथुरा...