हरि नाम सुमार सुखधाम जगत में जीवन दो दिनका ॥ टेक ॥ पाप कपटकर माया जोडी...

पिया मिलनके काज आज जोगन बन जावुंगी ॥ टेक ॥ हारसिंगार छोडकर सारे अंग बिभूत रमावुंगी...

दीनानाथ दयाल सुने मैं भक्तन के हितकारी ॥ टेक ॥ हिरणकशिप ने बांध भक्त को चाबुक...

दर्शन बिन तरसे नैना ॥ टेक ॥ सांवरी सूरत प्यारी बनमाल गल धारी जबसे निहारी सारी...

दर्शन बिन जियरा तरसे ॥ टेक ॥ घड़िघड़ि दिनदिन पलपल छिनछिन कलन पडत नहि धरत धीर...

मोकूं जाने दे जाने दे रे कह्नैया ॥ टेक ॥ जमुना को जल भर मैं तो...

देखो देखो री लंगर मेरो रोकत डगर । मेरी बंयरा पकर तलपट की गगर । मैं...

आली नन्दको लाल लोचन विशाल । गल फूलन माल शोमे तिलक भाल । चले ललित चाल...

हरि नाम सुमर तेरी जाय उमर । घडियल छिन भर नहि दिलसे बिसार । सब शोच...

प्रभु निर्विकार जग रचनहार। महिमा अपार नहि मिलत पार । करकर विचार । मैं तो निश...

आदिदेव विश्वनाथ भक्तन के सदा साथ पकड प्रभु मेरो हाथ दास मैं तुमारो ॥ सुर नर...

ईश्वर तुं है दयाल जगतपति प्रणतपाल व्यापकपूरण विशाल सत चित सुखदाई ॥ सकल भुवन जन्म करणजीवन...