भजन कर जग में जीवन सार । टेक नर देही का गर्ब न कीजै जर बर...
भजन कब करिहौ जनम सिरान । टेक गर्भवास में बहु दुख पायो बाहर आय भुलान ।...
भक्ति का मारग झीना रे । नहिं अचाह है नहिं चाहना चरणन है लौलीना रे ।...
भक्ति सब कोई करे भरमना ना टरे भरम जंजाल दुख द्वन्द भारी । काल के जाल...
बोलो साधो अमृत बानी कंबल भीजै पानी । १ नौका डूबे सिल उतराय मछली धरि के...
बुरा भी अपना आप करता है भला भी आपना आप सारै । १ आपही आपको पार...
बीती बहुत रही थोरी सी । टेक खाट पड़े नर झंखन लागे निकस प्राण गयो चोरी...
बीत गए दिन भजन बिना रे । टेक बाल अवस्था खेल गवाँयो जब ज्वानी तब मान...
बिना राम के जग में अपना कोई नहीं भाई । टेक बाग़ लगायो बगीचा लगायो और...
बिन सतसंग कुमति न छूटी । टेक चाहे जाओ मथुरा चाहे जाओ काशी हृदय की मोह...
बिन सतगुरु नर फिरे भुलाना । टेक केहरि सुत इक ले गड़ेरिया पाल पोस के किया...
हिंदू तुरुक दो दीन बने हैं आये एकै घर से । टेक इनकी माला उनकी तस्बी...