पड़े अविद्या में सोने वालों खुलेंगी आँखें तुम्हारी कब तक । शरण में आने को सद्गुरु...
परम प्रभु अपने ही उर पायो । जुगन जुगन की मिटी कल्पना सद्गुरु भेद बतायो ।...
पकरि समसेर संग्राम में पैसिये देह पतजंत कर जुद्ध भाई । १ काट सिर बैरियाँ दाव...
सुख सिंधु की सैर का स्वाद तब पाइ है चाह का चौतरा भूलि जावे । १...
सील संतोष में सबद जा मुख बसै संत जन जौहरी साँच मानी । १ बदन विकसित...
साहब तेरा भेद न जाने कोई । टेक पानी लै लै साबुन लै लै मल मल...
सारी पहिर मैल कर डारी दामन की बहु भारी जी । टेक जैसन कर्म किहौ पूरब...
साधो सो सतगुरु मोहि भावै । टेक सत्य प्रेम का भरि भरि प्याला आप पिये और...
ज्ञान समसेर को बाँधि जोगी चढ़े मार मन मीर रन धीर हूवा । १ खेत को...
ज्ञान का गेंद कर सुर्त का डंड कर खेल चौगान मैदान माहीं । जगत का भरमना...
साधो हर में हरि को देखा । टेक आपै माल औ आप खजाना आपै खरचनवाला ।...
साधो यही घड़ी यही बेला । टेक लाख खरच फिर हाथ न आवे मानुष जन्म सुहेला...