Bhakti
प्रभु मेरे दिलमें सदा याद आना दया करके दर्शन तुमारा दिलाना ॥ टेक ॥ सदा जानकर...
दिखादे नजरों से वो जलवा तुमारा जुदाई का पडदा करो दूर प्यारा ॥ टेक ॥ तेरी...
प्रभु आज चरणों में आयॊ तुमारे दयाकर सबी दोष हरिये हमारे ॥ टेक ॥ चौदें भुवन...
सुनो आज जगदीश बिनती हमारी पडा हुं शरण बीच आकर तुमारी ॥ टेक ॥ माता तुं...
जगदीश सकल जगत का तुमही आधार है ॥ टेक ॥ भूमि नीर अगन पवन सूरज चांद...
देख सखी बन को चले आज राम है ॥ टेक ॥ दशरथ के कुंवरबाल कोमल तन...
श्रीराम नाम सुमर उमर बीत ज़ात है ॥ टेक ॥ जोबन धन शरीर माल सबका नाश...
श्रीकृष्ण नाम साऱ ऊधो कठिन योग है ॥ टेक ॥ आसन मूलबंध तान प्राण पवनकर समान...
देखो री आज प्यारी अली आवत श्याम मोरी गली ॥ टेक ॥ मोरमुकुट सिर धराय पीत...
मान मान मेरी कही उमऱ तेरी बिट रही ॥ टेक ॥ मनुज देह फिर न आय...
अब तो नाथ दया करो मैं तो तेरी शरण पडो ॥ टेक ॥ भव समुद्र जल...
दीनबंधु दया करी दीजो दरस मोहे हरी ॥ टेक ॥ शीश रतन मुकुट धार श्रवणकुंडल मकरकार...