चलो चलो सखी अब जाना पिया भेज दिया परवाना टेक इक दूत जबर चल आया सब...
सुनो सुनो सखी मुझ प्यारी कर पिया के मिलन की त्यारी टेक दो दिन का पियर...
सुनो सुनो ध्यान से प्यारा वो बाजत कूच नगारा टेक केई राजा सुंदर रानी केई योगी...
सुनो सुनो बचन नरनारी हरि भजन करो सुखकारी टेक जिन रचा शरीर तुमारा उसका क्यों नाम...
कहे लछमन कोमल बानी सुन परशुराम अभिमानी टेक हम बालकपन में भारे कई धनुष तोड़कर डारे...
कहे मारकॅंड मुनिराया हरि धन्य तुमारी माया टेक मैं मन में सुमरण कीना सब जलधारा जाग...
सुन नाथ अरज अब मेरी मैं शरण पड़ा प्रभु तेरी टेक तुम मानुष तन मोहे दीना...
जगदीश मैं शरण तुमारी प्रभु सुनिये विनती हमारी टेक यह पांच विषय की धारा सब ब्रम्हा...
जगदीश जगतपति प्यारा कर भव दुख दूर हमारा टेक तुम सब जीवन के स्वामी घट घट...
सब तजकर राज्य समाजा वन चले भरतरी राजा टेक इक विप्र अमर फल लाया नृप रानी...
कहे नाथ जलंधर ध्यानी सुन गोपीचंद सुजानी टेक जब मूलबंध दृढ़ लावे तब उलट पवन चढ़...
गोपीचंद बाल तुमारा गुरुनाथ करो निस्तारा टेक मुझे माता ज्ञान बताया तज राज्य शरण में आया...