सुमिरन बिनु गोता खाओगे । टेक मूठि बाँधे गर्भ से आया हाथ पसारे जाओगे । १...

सुमिरन बिन अवसर जात चली। टेक बिन माली जस बाग़ सूखि गै सींचे बिन कुम्हिलात कली...

सुमिरन कर ले मेरे मना । टेक हस्ति दन्त बिनु पंछी पंख बिनु नारी पुरुष बिना...

सुन सतगुरु की बानी लो । ताहि चीन्ह हम भये बैरागी परिहरि कुल की कानी लो...

सुगना बोल तू निज नाम । टेक आवत जात बिलम न लागै मंजिल आठौ याम ।...

सुगवा पिंजरवा छोड़ि भागा । टेक इस पिंजरे में दस दरवाजे दस दरवाजे किवरवा लागा ।...

सुखी सब जीव गुरुदेव की सरन हैं काल का बान तहँ नाहिं लागै । १ आठहु...

सुखी अवधूत अरु दुखी सब जगत है रैन दिन पचत नहिं भूख भागी । १ सदा...

सुख सिंधु की सैर का स्वाद तब पाइ है चाह का चौतरा भूलि जावे । १...

निसदिन खेलत रही सखियन संग मोहि बड़ा डर लागे । मोरे साहिब की ऊंची अटरिया चढ़त...

निर्भय ह्वै जागो मन मोर । टेक दिन को जागो राति को जागो मूसे ना घर...

निर्धन को धन राम हमारो निर्धन को धन राम। १ चोर न लेवे घटहु न जावे...