Devotion
नर जानें अमर मेरी काया घर घर बात दुपहरी छाया। टेक मारग छाड़ि कुमारग जोवें आपन...
नर जन्म पाय काह कीन्हा रे । कबहुँ न एक पल सपनेहु मूरख गुरु का नाम...
नर को नहिं परतीत हमारी । झूठा बनिज कियो झूठे सो पूँजी सबन मिलि हारी ।...
न कछु न कछु राम बिना रे । टेक देह धरे की इहै परम गति साध...
धोबिया बन का भया न घर का । टेक घाटै जाय धुबनिया मारै घर में मारै...
धोबिया जल बिच मरत पियासा । टेक जल में ठाढ़ पिवै नहिं मूरख अच्छा जल है...
दो दिन खेल ले यह खेला यह तो नदी नाव को मेला। टेक कौड़ी कौड़ी माया...
देह बंदूक और पवन दारू किया ज्ञान गोली तहाँ खूब डाटी । १ सुरत की जामकी...
देह तो देख मिलि जायगी खेह में देह से काज कुछ कीजिये रे । १ राम...
देखि माया के रूप तिमिर आगे फिरे । भक्ति गई बड़ी दूर जीव कैसे तरे ।...
देख़हु यह तन जरता है घड़ी पहर बिलंबी रे भाई जरता है। १ काहे कौ एता...
देख बे देख अलेख के खेल को बना सर्बज्ञ नाना अपारा । १ आपही भोग बिलास...