खबरि नहिं या जग में पी की। सुकून करिले नाम सुमिर ले को जाने दी की।...
क्या सोवै गफलत के माते जागु जागु उठि जागु रे। और कोई तोर काम न आवै...
क्या देखि दिवाना हुआ रे। टेक माया सूली साज बनी है काम नरक का कूआँ रे।...
क्या देख मन भया दिवाना छोड़ि भजन माया लिपटाना। टेक पंचम महल देख मति भूले अन्त...
कौनों ठगवा नगरिया लूटल हो। टेक चंदन काठ के बनल खटोलना ता पर दुलहिन सूतल हो।...
कौन मगरूरी बिसारे हरि नमवा। टेक पैसा न लागे तेरो कौड़ी न लागे न लागे हैं...
कौन विधि जाहुगे मियाँ मक्के। टेक पाँच पचीस तीस है संगी इनका करो यक नक्के। १...
कौन विचार करत हो पूजा आतम राम अवर नहीं दूजा। १ बिन प्रतीतैं पाती तोड़ै ग्यान...
को सिखवै अधमन को ज्ञाना। टेक साधु संगति कबहूँ नहिं कीन्हा रटतरटत जग जन्म सिराना। १ ...
को जानै बात पराये मन की। टेक रात अँधेरी चोरा डाँटे आश लगाये पराये धन की।...
को जानै बात पराये मन की। टेक रात अँधेरी चोरा डाँटे आश लगाये पराये धन की।...
को जानै बात पराये मन की। टेक रात अँधेरी चोरा डाँटे आश लगाये पराये धन की।...